
अंबेडकरनगर। अनियमित दिनचर्या व बढ़ते तनाव से लोगों की सेहत लगातार बिगड़ रही है।नतीजा यह है कि जिला अस्पताल में ब्लड प्रेशर, शुगर, पेट व आंख रोग से जुड़े मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो पुरुषों में यह बीमारियां ज्यादा सामने आई हैं।
आज सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है। ऐसे प्रत्येक मौकों पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए तमाम संदेश दिए जाते हैं। बेहतरी के दावे होते हैं। स्वास्थ्य संबंधित योजनाएं गिनाई जाती हैं। इन सबके बावजूद वर्षों से यही सब प्रक्रिया चलते रहने के बीच कड़वा सच यह है कि जनपदवासियों की सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ ही रही है।
इसका सीधा आधार यह है कि अकेले जिला अस्पताल में ही अब प्रतिदिन औसतन 12 सौ के करीब ओपीडी हो रही है जो तीन वर्ष पहले तक आठ सौ के आसपास थी। जिला अस्पताल के ही महिला विंग में प्रतिदिन डेढ़ सौ ओपीडी अलग से होती है। जिला अस्पताल के आंकड़ों को सच मानें तो पुरुषों में ब्लड प्रेशर व शुगर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कारण यह है कि फिजीशियन से परामर्श लेने के लिए यहां भीड़ बढ़ती जा रही है।
इलाज के लिए आने वाले मरीजों में पेट व आंख रोग से जुड़े मरीज भी बढ़े हैं।
इन सबके अलावा गैस्ट्रो रोग के भी मरीजों की तादाद तेजी से सामने आई है। जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. मनोज शुक्ल कहते हैं कि इन सबके पीछे अनियमित जीवन शैली है। हरी सब्जियों का प्रयोग करने की बजाए तेल मसालों व फास्ट फूड का प्रयोग करना घातक साबित हो रहा है।
जिला अस्पताल पहुंचे 38081 मरीज
जिला अस्पताले में बीते मार्च माह में कुल 38 हजार 81 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों का स्वास्थ्य कितनी तेजी से बिगड़ रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में यही आंकड़ा 50 हजार से ऊपर पहुंच जाता है। इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी व सभी उपकेंद्रों में पूरे माह 40 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंच जाते हैं। जिला अस्पताल के प्रबंधक डॉ. हर्षित गुप्त कहते हैं कि जिला अस्पताल में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है। एक हजार से अधिक की ओपीडी में अब बीपी, शुगर, पेट व आंख जैसे रोग के मरीज तीन सौ से अधिक हो जाते हैं जबकि कुछ समय पहले तक ऐसे सौ से डेढ़ सौ मरीज ही आ रहे थे।
नियमित दिनचर्या से मिलेगी राहत
हमें अपने खानपान को लेकर संयमित होने की जरूरत है। नियमित रूप से योग करने या फिर सुबह के समय टहलने पर ध्यान देना चाहिए। समय समय पर खून आदि की जांच कराते रहने के साथ ही संतुलित आहार लेने पर ध्यान देना होगा। हमें स्वयं स्वस्थ रहने के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी ऐसा कराना है। तभी हम स्वस्थ समाज की कल्पना को साकार कर सकते हैं। डॉ. राजकुमार सीएमओ